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शनिवार, 28 मई 2022

सीएम योगी के आदेशों का हो रहा उल्लंघन,चौराहों व सड़कों पर पर डग्गामार वाहनों की भरमार

(सीएम योगी के आदेश के बाद भी अवैध ऑटो और बस अड्डे बने हुए हैं मुसीबत) 
                                             

                                    कर्नलगंज, गोण्डा। उत्तर प्रदेश के मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों शहर में बने अवैध बस और ऑटो अड्डे हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कर्नलगंज की सड़कों को अवैध अड्डों ने घेर रखा है। इससे यहां जाम लग रहा है और लोग परेशान हो रहे हैं। 
कर्नलगंज का बस स्टैंड चौराहा हो या मौर्यनगर व सकरौरा चौराहा, अस्पताल तिराहा अथवा यतीमखाना चौराहा सहित सभी सड़कों पर अवैध ऑटो और बस अड्डे अभी भी बरकरार हैं। जहाँ रोड पर ही डग्गेमार वाहनों, टैक्सियों के साथ ही प्राईवेट वाहन खड़े रहते हैं और सवारियां भरते हैं। यहीं नहीं सड़क पर ही अवैध टैक्सी व बसस्टैंड चल रहा है। लेकिन जिम्मेदार विभाग व पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। 

हालंकि कर्नलगंज बस स्टैंड चौराहे पर दो होमगार्ड लगाये गये हैं लेकिन कोई जिम्मेदार पुलिस व यातायात के अधिकारी के मौजूद ना होने से पुलिस की नाक के नीचे ऑटो और डग्गेमार वाहन व बसें सवारियां भरती हैं और उतारती हैं। इससे यहां जाम की स्थिति जस की तस बनी रहती है। 

कई जगहों पर बस और टैक्सी चालकों की मनमानी जारी                                     

योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी कर्नलगंज क्षेत्र के कई स्थान ऐसे

हैं जहां पर बस चालकों की मनमानी जारी है। कर्नलगंज बसस्टैंड,मौर्यनगर चौराहा,यतीमखाना चौराहा,अस्पताल तिराहा, हुजूर पुर बस स्टैंड व उसके आसपास कर्नलगंज परसपुर रोड, कटरा रोड,गोंडा लखनऊ मार्ग सहित अन्य जगहों पर बस, ट्रक, ऑटो अवैध रूप से खड़े रहते हैं और जमावड़ा देखा जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों,पुलिस प्रशासन द्वारा सरासर जानबूझकर अनदेखी करते हुए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है व नियमित सघन निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश हवा में उड़ते नजर आ रहे हैं। 
                                 
चौराहों पर लगता है जाम, लोग होते हैं परेशान*
बस और ऑटो चालकों की मनमानी के चलते शहर के चौराहे पर जाम की स्थित बनी रहती है. चौराहों पर लगे जाम के कारण वाहन चालक जाम में फंसते हैं वहीं राहगीरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। सवारियां भरने की वजह से बस और ऑटो चालक बेखौफ होकर रोड पर ही वाहन खड़ा करते हैं और सवारियां भरते हैं। इससे जाम की स्थिति प्राय: बरकरार बनी रहती है। *कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति
मगर जिन अधिकारियों के कंधों पर डग्गामार बसों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है वे कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. वहीं इससे लाखों रुपये के राजस्व की हानि सरकार को हो रही है लेकिन विभागीय अधिकारी आंखे बंद करे बैठे हैं। जब एआरटीओ से इन डग्गामार बसों के बारे में दूरभाष के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका। वही प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कर्नलगंज सुधीर सिंह का कहना है कि हम रोजाना डग्गामार वाहनों पर नजर रख रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं। मगर ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि अगर कार्रवाई की जा रही है तो आखिर ये ये डग्गामार बसें, टैक्सी कैसे सड़कों पर खुलेआम दौड़ रही हैं। अब ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि कब तक सरकार ऐसे अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई कर पाती है जो सरकार की मंशा के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।

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